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आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को शिक्षा ऋण पर ब्याज सब्सिडी की केंद्रीय योजना

शैक्षणिक वर्ष 2009-10 से आईबीए मॉडल शिक्षा ऋण योजना के तहत भारत में तकनीकी और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत आर्थिक  रूप से कमजोर वर्गों के ऐसे विद्यार्थियों के शिक्षा ऋण पर अधिस्थगन अवधि के ब्याज हेतु एचआरडी मंत्रालय द्वारा ब्याज अनुदान की केंद्रीय ब्याज सब्सिडी योजना घोषित की गयी है, जिनके माता-पिता / परिवार की वार्षिक सकल आय रु. 4.50 लाख प्रति वर्ष तक है. 
 

1. योजना की प्रयोज्यता


यह योजना केवल भारत में मान्यता प्राप्त तकनीकी/व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के अध्ययन के लिए लागू होगी.  ब्याज अनुदान, आईबीए की मौजूदा शिक्षा ऋण योजना से जुड़ा रहेगा और संसद के अधिनियमों द्वारा स्थापित शैक्षणिक संस्थानों, संबंधित सांविधिक निकायों द्वारा मान्यता प्राप्त अन्य संस्थानों, भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) और केंद्र/राज्य सरकार द्वारा स्थापित अन्य संस्थानों में भारत में मान्यता प्राप्त तकनीकी/व्यावसायिक पाठ्यक्रमों (बारहवीं कक्षा के बाद) में नामांकित छात्रों तक सीमित होगी.  आईबीए मॉडल शिक्षा ऋण योजना के तहत भारत में अध्ययन के लिए अधिकतम पात्र ऋण सीमा 10 लाख रुपये है. 
 

2. अधिस्थगन अवधि


अधिस्थगन अवधि के लिए अनुदान प्रदान किया जाना है अर्थात आईबीए मॉडल शिक्षा ऋण योजना के तहत निर्धारित पाठ्यक्रम पूरा होने के 12 महीने बाद या नौकरी मिलने के छह महीने बाद, जो भी पहले हो. अधिस्थगन अवधि समाप्त होने के बाद, बकाया ऋण राशि पर ब्याज का भुगतान छात्र द्वारा शिक्षा ऋण योजना के प्रावधानों के अनुसार किया जाएगा.
 

3. आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग/आय सीमा के लिए मानदंड


योजना का लाभ आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के उन छात्रों पर लागू होगा जिनकी माता-पिता / पारिवार की सकल वार्षिक आय 4.5 लाख रुपये प्रति वर्ष (सभी स्रोतों से) की सीमा तक है. 
 

4. प्रमाण पत्र जारी करने के लिए सक्षम प्राधिकारी


मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार ने सभी राज्य सरकारों को एक एडवाइजरी जारी की है जिसमें उनसे उपयुक्त प्राधिकारी या प्राधिकरणों को नामित करने का अनुरोध किया गया है जो आय प्रमाण पत्र जारी करने में सक्षम हैं.
 

5. ब्याज सब्सिडी के लिए पात्रता


योजना के तहत ब्याज सब्सिडी पात्र छात्रों को भारत में पहले स्नातक डिग्री से कम पाठ्यक्रम या स्नातकोत्तर डिग्री/डिप्लोमा के लिए केवल एक बार उपलब्ध होगी.  हालांकि, एकीकृत पाठ्यक्रमों (स्नातक और स्नातकोत्तर) के लिए ब्याज सब्सिडी स्वीकार्य होगी.  इस योजना के तहत ब्याज सब्सिडी उन छात्रों के लिए उपलब्ध नहीं होगी, जो एक बार कोर्स बीच में ही बंद कर देते हैं, या जिन्हें अनुशासनात्मक या शैक्षणिक आधार पर संस्थानों से निकाल दिया जाता है.  तथापि ब्याज सब्सिडी तब  उपलब्ध होगी जब चिकित्सीय कारणों से शिक्षा बंद की गई हो तथा जिसके लिए शैक्षणिक संस्थान के प्रमुख द्वारा संतोषप्रद आवश्यक दस्तावेज दिए गए हो. 
 

6. नोडल बैंक


यह योजना केनरा बैंक के माध्यम से लागू की जाएगी, जो मानव संसाधन विकास मंत्रालय के लिए नोडल बैंक है. 
 

7. लागू शैक्षणिक वर्ष


यह योजना शैक्षणिक वर्ष 2009-10 के 1 अप्रैल 2009 से लागू होगी.  यह योजना शैक्षणिक वर्ष 2009-10 के लिए 1 अप्रैल, 2009 को या उसके बाद बैंकों द्वारा किए गए संवितरण के लिए ही लागू होगी, चाहे ऋण की मंजूरी किसी भी दिनांक को हुई हो. दि  01.04.2009 से पहले स्वीकृत ऋणों के मामले में, शैक्षणिक वर्ष 2009-10 से पहले शुरू होने वाले पाठ्यक्रमों के लिए, ब्याज सब्सिडी 1.4.2009 के बाद किए गए संवितरण की सीमा तक उपलब्ध है. 
 

8.  ब्याज सब्सिडी दावों का संवितरण


बैंकों को ब्याज सब्सिडी दावों का संवितरण अर्ध-वार्षिक या वार्षिक आधार पर होगा जिसे मानव संसाधन विकास मंत्रालय के परामर्श से तैयार किया जाना है.
 

9. योग्य छात्रों को किसी और विवरण के लिए प्रमाणित करने वाले प्राधिकारी से प्राप्त आय प्रमाण पत्र के साथ संबंधित सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की  शाखा से संपर्क करना होगा.