एमएसएमई बैंकिंग
- सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) को आर्थिक विकास के इंजन के रूप में स्वीकार किया गया है और यह हमारे देश की साम्यिक आर्थिक विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
- कम पूंजी लागत में रोजगार क्षमता इस क्षेत्र का प्रमुख विशेषता है. एमएसएमई की श्रम क्षमता अन्य बड़े उद्योगों से बहुत अधिक है.
- अधिकांश अर्थव्यवस्थाओं के उद्यमों में 90% से ज्यादा एमएसएमई है और सबसे अधिक रोजगार सृजनदर तथा औद्योगिक उत्पादन एवं निर्यात के क्षेत्र एक बड़ा भाग एमएसएमई का है.
- एमएसएमई भारतीय उद्योग के लगभग सभी प्रमुख क्षेत्रों में स्थापित किए गए हैं जैसे - MSMEs
- खाद्य प्रसंस्करण
- कृषि इनपुट
- केमिकल्स एवं फार्मास्यूटिकल्स
- इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रीकल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स
- इलेक्ट्रो-मेडिकल उपकरण
- वस्त्र और परिधान
- चमड़ा और चमड़े के सामान
- मीट उत्पाद
- बायो- इंजीनियरिंग
- खेल के सामान
- प्लास्टिक उत्पाद
- कंप्यूटर सॉफ्टवेयर आदि
- उपलब्ध आकड़ों (एमएसएमई की चौथी गणना) के अनुसार यह क्षेत्र 26.1 मिलियन उद्यमों के माध्यम से लगभग 59.7 मिलियन लोगों को रोजगार प्रदान करता है. यह अनुमान लगाया गया है कि मूल्य के आधार पर एमएसएमई देश के विनिर्माण का 45% और कुल निर्यात का 40% है.
- एमएसएमई ऋण आवेदनो का निष्पादन:
- भारतीय बैंकिंग संहिता एवं मानक बोर्ड के अनुसार सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के लिए ₹ 5 लाख तक की क्रेडिट सीमा या मौजूदा क्रेडिट सीमा में वृद्धि हेतु आवेदन का निपटान 2 सप्ताह के भीतर और ₹ 5 लाख से अधिक एवं ₹ 25 लाख तक की सीमा का निपटान 3 सप्ताह के भीतर एवं ₹ 25 लाख रुपये से अधिक की क्रेडिट सीमा का निपटान प्राप्ति की तारीख से 6 सप्ताह के भीतर किया जाना चाहिए, बशर्ते कि आवेदन सभी प्रकार से पूर्ण दस्तवेजों के साथ एवं प्रदान की गई चेक लिस्ट के अनुरूप हो.
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न-एमएसएमई के लिए डिजिटल बैंकिंग
एमएसएमई पुनर्गठन पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
समाप्त तिमाही के लिए एमएसएमई क्षेत्र में ऋण आवेदनों की स्थिति
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स्टैंड-अप इंडिया और मुद्रा ऋण केवल जनसमर्थ (राष्ट्रीय) पोर्टल के माध्यम से लागू करें
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