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आईआईएम एवं अन्य प्रमुख प्रबंधन संस्थानों से एमबीए करने के लिए छात्रों को शिक्षा ऋण

उधारकर्ता/संयुक्त उधारकर्ता:

ऋण छात्र के व्यक्तिगत नाम पर स्वीकृत किया जाएगा.

छात्र के माता-पिता/अभिभावक/पति/पत्नी/सास-ससुर को संयुक्त उधारकर्ता के रूप में लिया जा सकता है.

मार्जिन:

कोई मार्जिन नहीं

अधिकतम ऋण राशि:

50.00 लाख.

प्रतिभूति:

कोई संपार्श्विक प्रतिभूति नहीं, कोई तीसरे पक्ष की गारंटी नहीं, अपितु छात्र की भावी आय का असाइनमेंट.

शिक्षा ऋण लेने वाले छात्र के लिए ऋण राशि के न्‍यूनतम मूल्‍य और ऋण अवधि (यानी पाठ्यक्रम अवधि+ अधिस्‍थगन अवधि+ पुर्नभुगतान अवधि) की न्‍यूनतम अवधि तक की समग्र जीवन बीमा  पॉलिसी बैंक के पक्ष में असाइन की जाएगी.

छात्र के जीवन के लिए पूरे ऋण कार्यकाल के लिए एकमुश्‍त प्रीमियम आधारित टर्म  पॉलिसी को स्‍वीकृत सीमा के अंतर्गत भुगतान के लिए मान्‍य किया जाएगा.

  • ब्याज दर:
  • रेपो दर (6.50%) + 1.55 (क्रेडिट जोखिम प्रीमियम) = 8.05% वर्तमान में [एएए श्रेणी के तहत 20 लाख रुपये तक के ऋण के लिए]
  • रेपो दर (6.50%) + 1.60 (क्रेडिट जोखिम प्रीमियम) = 8.10% वर्तमान में [एएए श्रेणी के तहत 20 लाख रुपये से अधिक के ऋण के लिए]
  • पुनर्भुगतान अवधि: स्थगन अवधि के पूरा होने के बाद 15 वर्ष
  • स्थगन अवधि: पाठ्यक्रम अवधि + 1 वर्ष
  • ऋण के लिए अनुमोदित व्यय:

 

कॉलेज/छात्रावास को देय शुल्क. यदि छात्र बाहरी आवास का विकल्प चुनता है/उसे चुनना आवश्यक है, तो उचित आवास और बोर्डिंग शुल्क पर विचार किया जाएगा.

परीक्षा/पुस्तकालय/प्रयोगशाला शुल्क.

यात्रा व्यय.

छात्र उधारकर्ता के लिए बीमा प्रीमियम.

संस्थान के बिल/रसीदों द्वारा समर्थित कॉशन जमा, भवन निधि/वापसी योग्य जमा.

पुस्तकों/उपकरणों/यंत्रों/यूनिफॉर्म की खरीद.

पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए आवश्यक होने पर उचित लागत पर कंप्यूटर की खरीद.

पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए आवश्यक कोई अन्य व्यय - जैसे अध्ययन दौरे, परियोजना कार्य, थीसिस कार्य, आदि.

एक्सचेंज कार्यक्रम में विदेशी विश्वविद्यालयों का दौरा.

घोषणा के आधार पर 180000/- रुपये तक का प्रति वर्ष जीवन व्यय.

अलुमनी/पेशेवर संगठन की सदस्यता और अंशदान.

•  आवेदक द्वारा पहले से किए गए उपरोक्त व्यय/पहचाने गए स्रोतों से लिए गए ऋण (आकस्मिकताओं को पूरा करने के लिए) की प्रतिपूर्ति मेरिट्स के आधार पर की जाएगी, बशर्ते कि शुल्क/व्यय के भुगतान की तारीख से तीन महीने के भीतर मूल रसीदें प्रस्तुत की जाएं.