ऋण का उद्देश्य
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- भारत एवं विदेश में उच्च शिक्षा पाने के लिए.
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पात्रता
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- विद्यार्थी को भारत का नागरिक होना चाहिए.
- एचएससी (10 +2 या समकक्ष) के पूरा होने के बाद प्रवेश परीक्षा / योग्यता आधारित चयन प्रक्रिया के माध्यम से भारत या विदेश में मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों में उच्च शिक्षा पाठ्यक्रम में प्रवेश प्राप्त करना चाहिए.
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ऋण का प्रकार
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सावधि ऋण
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ऋण हेतु मान्य व्यय
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- महाविद्यालय/विद्यालय/छात्रावास को दिया जाने वाला शुल्क
- परीक्षा/पुस्तकालय/प्रयोगशाला शुल्क
- विदेश में पढ़ाई हेतु यात्रा व्यय/मार्ग व्यय
- विद्यार्थी उधारकर्ता के लिए बीमा प्रीमियम, यदि लागू हो
- संस्थान के बिलों/रसीदों द्वारा समर्थित जमानत जमा, भवन निधि/वापसी योग्य जमा.
- पुस्तकों/उपकरणों/यंत्र/यूनिफॉर्म की खरीद हेतु
- पाठ्यक्रम को पूरा करने के लिए यदि आवश्यक हो तो उचित कीमत पर कंप्यूटर की खरीद हेतु
- पाठ्यक्रम को पूरा करने के लिए आवश्यक कोई अन्य खर्च - जैसे स्टडी टूर, परियोजना कार्य, थीसिस आदि
- आवश्यक ऋण की गणना करते समय, ऋण लेने वाले छात्र को उपलब्ध छात्रवृत्ति, शुल्क माफी आदि, को ध्यान में रखा जा सकता है
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अधिकतम ऋण राशि
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₹200 लाख
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मार्जिन
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- रु. 4 लाख तक : शून्य,
- भारत में रु. 4 लाख से अधिक हेतु: 5% ,
- विदेश में रु.4 लाख से अधिक हेतु: 15% मार्जिन
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प्रोत्साहन
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- अध्ययन अवधि के दौरान यदि ब्याज का भुगतान किया जाता है और बाद की मोरेटोरियम अवधि के दौरान भी ब्याज का भुगतान किया जाता है, तो बैंक द्वारा 1% ब्याज की छूट दी जा सकती है.
- मोरेटोरियम अवधि/ अध्ययन अवधि के दौरान ब्याज की गणना साधारण आधार पर की जाती है, पुर्नभुगतान की शुरूआत के बाद मासिक आधार पर चक्रवृद्धि ब्याज लगाया जाएगा.
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अदायगी
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कॉलेज / छात्रावास / मेस / एयरलाइंस आदि को सीधे भुगतान. उचित मामलों में संतोषजनक साक्ष्य के अधीन उधारकर्ताओं को संवितरण किया जाए जिसकी मूल रसीदें प्रस्तुत की जानी चाहिए.
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भुगतान
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- अधिस्थगन अवधि के बाद समस्त श्रेणियों के लिए अधिकतम 15 वर्ष.
- अधिस्थगन अवधि = पाठ्यक्रम अवधि + एक वर्ष
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प्रतिभूति
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₹ 4 लाख तक
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एनसीजीटीसी गारंटी योजना के अंतर्गत अनिवार्य रूप से कवर.
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₹ 4 लाख से अधिक एवं ₹ 7.50 लाख तक
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₹ 7.50 लाख से अधिक
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माता-पिता/अभिभावक संयुक्त उधारकर्ता होंगे.
ऋण राशि के समतुल्य न्यूनतम वसूली योग्य मूल्य की मूर्त संपार्श्विक प्रतिभूति
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बीमा
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शैक्षिक ऋण लेने वाले छात्र के लिए ऋण राशि के समतुल्य, न्यूनतम ऋण अवधि (अर्थात पाठ्यक्रम अवधि + अधिस्थगन अवधि + पुनर्भुगतान अवधि) के लिए समग्र जीवन बीमा पॉलिसी प्राप्त की जानी चाहिए तथा बैंक के पक्ष में असाइन की जानी चाहिए.
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केंद्रीय क्षेत्र ब्याज सब्सिडी योजना
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यह ध्यान देने योग्य बात है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय की केन्द्रीय क्षेत्र ब्याज सब्सिडी योजना 'आईबीए मॉडल शैक्षिक ऋण योजना' पर आधारित है, तथापि यह सब्सिडी भारत में केवल व्यावसायिक और तकनीकी पाठ्यक्रमों (12वीं कक्षा के बाद) के लिए दिए गए ऋणों पर ही लागू है.
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