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सेन्ट विद्यार्थी

ऋण का उद्देश्य

  • भारत एवं विदेश में उच्च शिक्षा पाने के लिए 

पात्रता

  • विद्यार्थी को भारत का नागरिक होना चाहिए.
  •  एचएससी (10 +2 या समकक्ष) के पूरा होने के बाद भारत या विदेश में मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों में उच्च शिक्षा पाठ्यक्रम में प्रवेश परीक्षा / योग्यता आधारित चयन प्रक्रिया के माध्यम से नामांकन सुनिश्चित हो.
  • जहां कोई प्रवेश परीक्षा/मेरिट आधारित चयन प्रक्रिया नहीं है और प्रवेश विशुद्ध रूप से पात्रता परीक्षाओं में प्राप्त अंकों के आधार पर है, वहां छात्र को पात्रता परीक्षा में न्यूनतम 50% अंक प्राप्त होने चाहिए. (अजा/अजजा वर्ग के लिए 10% की छूट)

ऋण का प्रकार

सावधि ऋण

मान्य व्यय के लिए ऋण 

  • महाविद्यालय/विद्यालय/छात्रावास को दी जाने वाली शुल्क
  • परीक्षा/पुस्तकालय/प्रयोगशाला शुल्क
  • विदेश में पढ़ाई के लिए यात्रा खर्च/मार्ग व्यय
  • छात्र उधारकर्ता के लिए बीमा प्रीमियम, यदि लागू हो
  • जमानत राशि, भवन निधि/ संस्था के बिल/रसीद से देय वापस की जाने वाली 
  • पुस्तकों/उपकरणों/यंत्र/यूनिफर्म की खरीद हेतु 
  • पाठ्यक्रम को पूरा करने के लिए यदि आवश्यक हो तो उचित कीमत पर कंप्यूटर की खरीद हेतु
  • पाठ्यक्रम को पूरा करने के लिए आवश्यक कोई अन्य खर्च - जैसे स्टडी टूर, परियोजना कार्य, थीसिस आदि
  • आवश्यक ऋण की गणना करते समय, छात्र ऋण लेने वाले को छात्रवृत्ति, शुल्क माफी आदि, यदि कोई उपलब्ध हो, को ध्यान में रखा जा सकता है

अधिकतम ऋण राशि

  • यदि ऋण राशि 100% कोलेटरल प्रतिभूति के तहत सुरक्षित है तो, ऋण की कोई अधिकतम सीमा नहीं है.

मार्जिन

  • रु. 4 लाख तक : शून्य,
  • भारत में रु. 4 लाख से अधिक के लिए :  5% ,
  • विदेश में रु.4 लाख से अधिक के लिए : 15% मार्जिन 
  • (मार्जिन को छात्रवृत्ति में शामिल की जा सकती है.

ब्याज दर

उधारकर्ता के प्रकार ब्याज दर
पुरुष विद्यार्थी( भारत , विदेश ) रेपो+ 5.00= 9.00%
महिला विद्यार्थी( भारत , विदेश ) रेपो+ 4.500= 8.50%

प्रोत्साहन

  • यदि मोरिटोरियम अवधि के बाद की जाने वाली चुकौती से पहले ही एवं शिक्षा-अवधि  के दौरान ब्याज दी जाती है तो,  बैंक द्वारा शिक्षा-अवधि  के दौरान ब्याज दर में 1%  की छूट दी जा सकती है.
  • चुकौती अवकाश (रीपेमेंट होलीडे)/ अधिस्थगन अवधि (मोरिटेरियम )के दौरान ब्याज की गणना साधारण आधार पर की जाती है.  पहली किस्त की देय तिथि से मासिक अंतराल पर ब्याज संयोजित किया जाएगा. 

संवितरण

कॉलेज/हॉस्टल/मैस/एयरलाइंस आदि को सीधे भुगतान की जायेगी.  समुचित मामलों में संतोषजनक प्रमाण प्रस्तुत करने पर उधारकर्ता के खाते में संवितरण किया जाएगा, जिसमें मूल रसीदें जमा करनी होंगी.

चुकौती

  • पढ़ाई पूरी होने के 12 महीने बाद या नौकरी मिलने के 6 महीने बाद, जो भी पहले हो, चुकौती  उसी समय से शुरू होगी. 
  • रु.7.50 लाख तक की राशि वाले ऋण के लिए अधिकतम चुकौती अवधि 10 वर्षों तक है.
  • रु.7.50 लाख से अधिक की राशि वाले ऋण के लिए अधिकतम चुकौती अवधि 15 वर्षों की होगी. सभी चुकौती क़िस्त के आधार पर होगी.

प्रतिभूति

रु.4 लाख तक माता-पिता/अभिभावक संयुक्त-उधारकर्ता होंगे. ऋण की किश्तों के भुगतान के लिए छात्र की भावी आय का समनुदेशन. कोई प्रतिभूति नहीं. एनसीजीटीसी कवर लेना.
रु.4 लाख से अधिक एवं रु.7.5 लाख तक संयुक्त उधारकर्ता के रूप में दस्तावेजों को निष्पादित करने वाले माता-पिता/अभिभावक के अलावा, किश्तों के भुगतान के लिए छात्र की भविष्य की आय के असाइनमेंट के साथ उपयुक्त तृतीय पक्ष गारंटी के रूप में संपार्श्विक सुरक्षा ली जाएगी. NCGTC कवर लेना है.
रु.7.5 लाख से अधिक के लिए माता-पिता/अभिभावक का संयुक्त उधारकर्ता होना. किश्तों के भुगतान के लिए छात्र की भविष्य की आय के असाइनमेंट के साथ-साथ ऋण राशि के बराबर और बैंक को स्वीकार्य न्यूनतम मूल्य की मूर्त संपार्श्विक सुरक्षा.

बीमा

ऋण राशि के बराबर शैक्षिक ऋण प्राप्त करने वाले छात्र के लिए, ऋण अवधि की न्यूनतम अवधि (अर्थात, पाठ्यक्रम अवधि + अधिस्थगन अवधि + चुकौती अवधि) के लिए कम्प्रिहेंसिव जीवन बीमा पॉलिसी प्राप्त की जानी चाहिए और बैंक के पक्ष में सौंपी जानी चाहिए.

केन्द्रीय क्षेत्र की ब्याज सब्सिडी योजना (सीएसआईसीसी):

  • यह ध्यान देने की आवश्यकता है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय की केंद्रीय क्षेत्र की ब्याज सब्सिडी योजना 'आईबीए मॉडल शैक्षिक ऋण योजना' पर आधारित है, सब्सिडी केवल भारत में व्यावसायिक और तकनीकी पाठ्यक्रमों (12 वीं कक्षा के बाद) के लिए दिए गए ऋण के लिए लागू है.
  • यह भी ध्यान दिया जा सकता है कि यहाँ तक कि रु.10 लाख से अधिक  ऋण होने पर भी, मानव संसाधन विकास मंत्रालय की केंद्रीय क्षेत्र ब्याज सब्सिडी योजना के तहत ब्याज सब्सिडी के लिए रु.10 लाख तक ही पात्र हैं.

प्रबंधन कोटे के तहत विद्यार्थियों को शैक्षिक ऋण

  • प्रबंधन कोटे के तहत विद्यार्थियों को दिए जाने वाले शैक्षिक ऋण आईबीए मॉडल शिक्षा योजना के अंतर्गत नहीं आते हैं.
  • ये ऋण एमओएचआरडी की सेंट्रल सेक्टर ब्याज सबसिडी योजना के लिए पात्र नहीं है. 
  • हालांकि, प्रबंधन कोटे की सीटों के तहत शाखाएं  निम्नलिखित शर्तों के अधीन शैक्षिक ऋण देने पर विचार कर सकती हैं, यदि वहां रोजगार की संभावनाएं उपलब्ध हों-
शुल्क संरचना
  • शुल्क का भुगतान/प्रतिपूर्ति भुगतान सीटों के लिए राज्य सरकार/सरकार द्वारा अनुमोदित नियामक निकाय द्वारा अनुमोदित शुल्क संरचना तक ही सीमित है।
  • यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि फंडिंग गैप को पूरा करने के लिए छात्र के पास वित्तीय संसाधन हों.
प्रतिभूति
  • माता-पिता/अभिभावक को संयुक्त उधारकर्ता होना चाहिए।
  • रु.7.50 लाख तक के ऋण के लिए एनसीजीटीसी कवर लिया जाएगा।
  •  ऋण राशि के बावजूद, किश्तों के भुगतान के लिए विद्यार्थी की भविष्य की आय के समनुदेशन के साथ ऋण राशि के बराबर न्यूनतम मूल्य और बैंक को स्वीकार्य 100% मूर्त संपार्श्विक सुरक्षा प्राप्त की जानी चाहिए.
अन्य
  • सेन्ट विद्यार्थी योजना के लिए लागू अन्य सभी नियमों और शर्तों का अनुपालन किया जाएगा.

प्रक्रिया शुल्क

  • भारत में अध्ययन के लिए इस योजना के तहत स्वीकृत ऋण पर कोई प्रसंस्करण /अग्रिम शुल्क नहीं लगाया जा सकता है.
  • विदेश में पढ़ाई के लिए, आवेदनों पर विचार करते समय रु.10 लाख तक के ऋण के लिए रु.500/- और रु.10 लाख से अधिक के ऋण के लिए रु.1000/- का शुल्क लिया जाएगा, लेकिन ऋण स्वीकृति के छ: माह के भीतर यदि छात्र द्वारा ऋण का उपयोग किया जाता है तो शुल्क वापस हो जायेगा.

अधिक जानकारी के लिए कृपया हमारी नजदीकी शाखा से संपर्क करें या टोल फ्री नंबर 1800 22 1911 पर कॉल करें.